
धार्मिक ग्रंथों में शनिवार का दिन शनिदेव को समर्पित किया जाता है और इस दिन स्नानादि से निवृत्त होकर काले वस्त्र धारण करें. अब शनिदेव के समक्ष जाकर इस मंत्र का पूरे श्रद्धा भाव से जाप करें. इस मंत्र का जाप आप अपने घर या मंदिर में भी कर सकते हैं.

शनि देव सूर्य देव के पुत्र हैं. न्याय के देवता कहे जाने वाले शनि देव हर व्यक्ति को अपने कर्मों का फल देते हैं. शनिवार के दिन शनिदेव को सरसों का तेल चढ़ाना बहुत शुभ होता है.

प्रत्येक शनिवार को शाम के समय पीपल और शमी के पेड़ के पास सरसों के तेल का दीपक जलाएं. इस उपाय से शनि दशा का प्रभाव कम होता है.

धार्मिक मान्यताओं के अनुसार यदि जातक अपने पुत्र, पत्नी, पशु और भाइयों के साथ मिलकर नियमित रूप से शनि के इन श्लोकों का पाठ करता है. उसे इस सृष्टि में सुख की प्राप्ति होती है और अंत में वो मोक्ष को प्राप्त करता है.

यदि कोई व्यक्ति शनि की साढ़ेसाती से प्रभावित है तो उसे इस मंत्र के जाप से लाभ होगा और बुरा प्रभाव समाप्त हो सकता है. इसे श्री शनि वैदिक मंत्र कहा जाता है. मान्यता के अनुसार इस मंत्र के जाप से शनिदेव प्रसन्न होते हैं. साथ ही मान्यता है कि इस मंत्र का जाप 23 हजार बार करने से साढ़ेसाती का प्रभाव काफी हद तक कम हो सकता है.