सनातन धर्म में अमावस्या तिथि को विशेष महत्व दिया गया है. धार्मिक मान्यताओं के अनुसार इस दिन स्नान, दान-पुण्य किया जाता है, साथ ही अमावस्या पर पितरों के निमित्त श्राद्ध, तर्पण करने से उनकी आत्मा को शांति मिलती है. जिससे वे प्रसन्न होकर अपने वंशजों को शुभ आशीष प्रदान करते हैं. अमावस्या तिथि हर माह के कृष्ण पक्ष की अंतिम तिथि कहलाती है. फाल्गुन माह में ये तिथि 20 फरवरी 2023 को पड़ रही है. 20 फरवरी को सोमवार है, जिसकी वजह से इस तिथि को सोमवती अमावस्या कहा जाता है. धार्मिक मान्यताओं के अनुसार इस दिन भगवान शिव और भगवान विष्णु की पूजा करना शुभ होता है.
सोमवती अमावस्या पर करें ये 4 उपाय
शुभ फल की प्राप्ति के लिए
ज्योतिष शास्त्र के अनुसार इस दिन 5 माला गायत्री मंत्र का जाप करने से विशेष और शुभ फलों की प्राप्ति होती है. अमावस्या का दिन विशेष महत्व रखता है. इस दिन घी, दूध, दही, शहद, गंगाजल और शक्कर से शिवलिंग का अभिषेक करने से भी शुभ फल की प्राप्ति होती है.
पूरी होगी हर मनोकामना
ज्योतिष शास्त्र के अनुसार सोमवती अमावस्या के दिन पीपल के पेड़ पर 108 बार कच्चा सूत लपेटते हुए परिक्रमा करें और मन ही मन भगवान शिव का ध्यान करें. इससे आपकी हर मनोकामना पूरी होगी.
मिलेगी भगवान विष्णु की कृपा
सोमवती अमावस्या के दिन भगवान विष्णु और माता लक्ष्मी को 5 तरह के फल अर्पित करें और वे फल कन्याओं को दान कर दें. इस उपाय से भगवान विष्णु और माता लक्ष्मी का आशीर्वाद प्राप्त होगा.
शिव आशीर्वाद के लिए
ज्योतिष शास्त्र के अनुसार भगवान शिव को प्रसन्न करने के लिए सोमवती अमावस्या के दिन 108 माला ओम नम: शिवाय मंत्र का जाप करें.
सोमवती अमावस्या पर जपे ये मंत्र का जाप
ॐ विघ्नविनाशक देवताभ्यो नमः।
ॐ कुल देवताभ्यो नमः।
ॐ ग्रह देवताभ्यो नमः।
ॐ लक्ष्मीपति देवताभ्यो नमः।
ॐ ग्राम देवताभ्यो नमः।
ॐ नमो भगवते वासुदेवाय।
अयोध्या, मथुरा, माया, काशी कांचीअवन्तिकापुरी, द्वारवती ज्ञेयाः सप्तैता मोक्ष दायिका।।
गंगे च यमुने चैव गोदावरी सरस्वती, नर्मदा सिंधु कावेरी जलेस्मिनेसंनिधि कुरू।।
गायत्री मंत्र:- ॐ भूर्भुव: स्व: तत्सवितुर्वरेण्यं भर्गो देवस्य धीमहि धियो यो न: प्रचोदयात्।
ॐ पितृभ्य: नम।